किताबों का फलसफा तो पढ़ चुके है लोग -2
जिंदगी के आईने में कब उतार पाएंगे?
घर की औरतों में है मां दुर्गा का अंश-2
इस रूप को कब पहचान पाएंगे?
पैसों का कोई सेज नहीं होता-2
यह बात कब जान पाएंगे?
बेटे के लायक होने का गुरुर -2
दहेज को ना करके कब सराह पाएंगे?
हो सकता है मधुर संबंध एक मुस्कुराहट से
पर पहले आप, पहले आप का जुमला
कब तक दोहराएंगे?
सही है यह-2,
जानते हुए भी,
लोग क्या कहेंगे इस बात से
कब तक घबराएं?
अच्छा छोड़ो यह सब बातें
बस यह बता दो इन बातों पर वाह-वाह
कब कर जाएंगे -2
WRITTEN BY PALLAVI MISHRA
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