"साइकोलॉजी हर जगह होती है"यह बात हम हमेशा ही सुनते आ रहे हैं। लेकिन जब से as a subject इसे पढना शुरु किया है, मानने भी लगी हूं , वाकई हर चीज में साइकाॅलजी होती है । कल शाम को एक पार्क में बैठी थी और बच्चों को खेलते हुए देख रही थी वहां पैरंट्स भी आए हुए थे अपने बच्चों के साथ। तभी एक बच्चा दौड़ता हुआ अपनी मम्मी के पास जाता है और कहता है कि "मुझे चोट लग गई मम्मा" ! उस झूले में बैठे लड़के ने मुझे गिरा दिया।
Yes you are right..your first obvious answer comes in mind...it's OK beta ,it happens while you play"
But nooooo वहां उस बच्चे की मम्मा ने ये नहीं बोला ....मम्मा ने बोला- "तुम्हे धकेल दिया !!!अब वापस वहां जाओ और वहीं खेलो और अब तुम्हे मारे तो तुम भी पीछे मत रहना, आज कल बिना लड़े कुछ नही मिलता,अपने अधिकार के लिए लड़ना होता है। Impressive….quiet impressive na….yes they are making them prepare for future world…where war and conflict are more common than love and peace…then why to seek for and put effort for rare things like love and peace….get into the things which are everywhere around.. parents are preparing their kids for hatred, fights, conflicts and war! And according to psychology, mostly reasons of criminal tendency lays on childhood incidents. प्यार से चीजों को solve करना ये तो अब उन दिनों की बात है।”.
Good 👏
ReplyDeleteThanks
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