लोग भूल जाते हैं
लोग भूल जाते हैं-२
उन चेहरों को
जो संघर्ष के दौर में
उनके हाथों को थामे चलते
थे
लोग भूल जाते हैं।
जीवन के तूफानों
में
दीया जलाकर उन्हें
राह दिखाते थे
लोग भूल जाते हैं।
जब हम रोये, पोंछा है आंसू
और सुलाया अपनी गोद में
लोग भूल जाते हैं।
दे देते हैं
उन्हें ऐसा जख्म़
कि उनकी बूढ़ी आंखों में
रातों की नींद
नहीं होती
और जागते रह जाते हैं आंसुओं के सैलाबों के संग
लोग भूल जाते हैं...।।
By Pallavi Mishra
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