Skip to main content

Cerebral Palsy In Psychology

 

मस्तिष्क पक्षाघात या सेरेब्रल पाल्सी ऐसा विकार या क्षति से है जो शारीरिक गति के नियंत्रण को नुकसान पहुंचाता है या क्षतिग्रस्त करता है। सबसे पहले शल्य चिकित्सक (surgeon)विलियम लिटिल ने 1760 ई  में चर्चा की थी। बच्चों में पाई जाने वाली असमानता जिसमें हाथ-पांव के मांसपेशियों में कड़ापन पाया जाता है। ऐसे बच्चों में fine motor एवं gross motor इसका मतलब है कि पकड़ने तथा चलने में कठिनाई होती है। cerebral palsy के fine motor and gross motor संबंधित समस्याओं को little's disease  नाम से जाना जाता था ।

संभावित कारण-

 गर्भावस्था के दौरान मां को संक्रमण। 

क) मां व बच्चे के रक्त समूह का ना मिलना 

ख) मां के गर्भ में बच्चे का अनुवांशिक विकास ठीक प्रकार से ना हो पाना। 

ग) नवजात शिशु का पीलिया या अन्य किसी संक्रमण से ग्रसित होना। 

शीघ्र पहचान

जन्म  के समय प्रमस्तिष्क पक्षाघात से संबंधित प्रभावित शिशु अधिकांशतः शिथिल एवं दुबला पतला होता है। 

इसकी एक और पहचान है कि शिशु को छाती की तरफ  से पकड़कर औंधे मुंह  लटकाने से शिशु उल्टा यू( u) जैसा झुक जाएगा । 

शिशु का विकास दूसरे अन्य बच्चों की तुलना में धीमा होता है।

 स्तनपान में शिशु को समस्या ।

होंठ से लार टपकना। 

दोनों हाथों को एक साथ नहीं चलाता है।

 ये सारे शीघ्र पहचान करने के कुछ लक्षण है। 

गंभीरता के आधार पर इसे तीन भागों में बांटा जाता है-

 A) अति अल्प प्रमस्तिष्क पक्षाघात- इसमें मोटर यानी गामक एवं शरीर की स्थिति से संबंधित विकलांगता न्यूनतम होती है ।

B) अल्प प्रमस्तिष्क पक्षाघात

इसमें गामक एवं शारीरिक  विकलांगता का प्रभाव अधिक होता है, उपकरणों की मदद से गामक कुशलता में सुधार हो सकती है ।

गंभीर मस्तिष्क पक्षाघात-  शिशुओं में गामक एवं शारीरिक विकलांगता गंभीर होती है। बच्चों को केयरटेकर की जरूरत पड़ती है। नित्यकर्म  के लिए भी दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है।


Comments

Popular posts from this blog

OCD STORY (Psychology based story)

  DESCRIPTION-OCD (OBSESSSIVE COMPULSIVE DISORDER)  बालकनी में बैठकर राजीव के साथ चाय पीना मुझे बहुत अच्छा लगता है | शादी के 18 साल हो गए पर अब भी सबकुछ नया लगता है | लेकिन गुजरे सालों में अपने किए बेवकूफी पर हमेशा शर्मिंदा रहती हूँ... |मैंने तो खो ही दिया था राजीव का साथ अपनी बेवकूफी से...  घर के बड़ो ने भी कभी ध्यान नहीं दिया, बस कहते थे मियां-बीवी हैं आपस में लड़ेंगे और फिर रहेंगे भी साथ में | सच बोलूं तो मुझे भी अंदाजा नहीं था कि मेरी एक आदत हम दोनों में ऐसा दरार ला देगी कि हम   divorce तक के फैसले पर पहुँच जाएंगे!!  "मुझे हर चीज साफ-सुथरी  और जगह पर रखने की आदत थी, ऐसा तो सब करते हैं पर मैं जरुरत से ज्यादा सजग रहती थी|" राजीव फाइल सीधे ना रखे, पहने हुए t-shirts chair  पर रख दें, चाय पीकर हाथ ना धोएं और ना जाने क्या -क्या... ऐसी आदतें मेरे लिए किसी अपराध से कम नहीं होती थी, मैं सोचती थी कि ऐसे अपराधों के लिए भी सख्त से सख्त कारवाई होनी चाहिए | मैं चाहती तो नहीं थी पर बर्दाश्त करते-करते टोक ही दिया करती थी कि इस सामान को ऐसे मत छुएं, ऐसे मत रखि...

Psychology Quiz

  DESCRIPTION - FOR NET , RET PGT AND OTHER EXAMS 1. Who initiated the two - factor theory of intelligence ? a) Thorndike b) Spearman c) Thurstone d) Guilford Ans- ( b ) 2. Who among the following had given the ‘Structural theory’ of intelligence? a) Spearman b) Thurstone c) Guildford d) Thorndike Ans- (c) 3. The term ‘cognition’ means? a) Knowing and understanding the world b) To feel something c) To take action Ans- ( b ) 4. Primary  factors of counselling are: a) Cognition, affection and conation b) Thinking, advicing and judging c) Thinking, perceiving and advicing Ans- ( a ) 5. Binet and Simon   published two subsequent revisions of the--- test scale. a) 1903 b) 1905 c) 1902 d) 1907 ANS- 1905 6. Which of the following terms is derived from a Latin word, framed by Cicero to translate a Greek word used by Aristotle to including all cognitive processes? a) Perception b) Memory c) Intelligence d) Learning Ans- (c) 7. Who said to be...

Emotional poetry(अकेलापन) by Pallavi Mishra

  अकेलापन  लगता है बरसों से कोने में अकेले पड़ी हूं यह नीरस हृदय का खालीपन गुमसुम सी दीवार और मेरा चीखता मन गूंजता है कानों में।।              कभी मोबाइल, कभी खिड़कियों पर               कभी बालकनी में               राहों पर टकटकी लगाए              सुबह से शाम हो जाती है।             जहां किसी के लौटने का इंतजार नहीं             किसी को मुझ तक पहुंचने की जल्दबाजी नहीं। घड़ी की टिक-टिक की आवाज और सजे-धजे कमरे जहां सिलवट पड़ते ही नहीं। नींद कोसों दूर है यह सूनापन,अकेलापन इतनी व्यस्त दुनिया में जहां मेरे खालीपन की कोई जगह नहीं।। By Pallavi Mishra